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Sunday, December 18, 2011

"संत पर आक्रमण महेंगा पड़ा "


" एक सच्चे संत पर लाठियाँ चलाने का अंजाम कांग्रेस सरकार भुगत रही है ..चारो तरफ से फसी सरकार के सामने रोज सुबह एक परेशानी खड़ी होती है ..आखिर ऐसा क्यु हुवा ? जब की सरकार बाबा रामदेव जी के आन्दोलन के पूर्व अच्छी तरह से चल रही थी और जनता भी अच्छी तरह से सो रही थी ..जनता को पता ही नहीं था की उन्हें किस तरह से लुटा गया है मग़र रामलीला मैदान की घटना ने ६५ साल से सोई हुई जनता को जगा दिया सायद एक सच्चे संत पर प्रहार करने का श्राप कांग्रेस सरकार और गाँधी परिवार को लगा है |"

" ४ जून की रात के पूर्व भारत की जनता ५ साल में सिर्फ एक बार अपनी सरकार के बारे में सोचती थी और उतना ही पानी पीती थी जितना सरकार पिलाती थी और सरकार के असली चहरे से भारत की जनता बिलकुल अनजान थी ..४ जून की रात को बाबा रामदेवजी के आन्दोलन पर जो लाठियाँ बरसी गई उस लाठी ने सभी को सच्चे अर्थ में जगा दिया था वर्ना कौन जानता था "अन्ना हजारे" को भाई ?... दरअसल कांग्रेस सरकार भूल गई थी की उनके द्वारा बरसाई जानेवाली लाठी बाबा रामदेव पर नहीं बल्कि बरसो से सो रही देश की जनता के शरीर पर प्रहार करेगी और वही हुवा आखिरकार जनता जागी और जनता के जागने का परिणाम आज आप सब लोग देख रहे है की किस तरह कांग्रेस सरकार मुस्केलियो में फसी हुई है |"

" बाबा रामदेव अपना आन्दोलन तो पिछले कई बरसो से चला रहे थे मग़र जब उन पर लाठियाँ बरसी तो देश के बुद्धिजीवी सरकार का पक्ष ले रहे थे मग़र आज उन बुद्धिजीवी लोगो को भी ये सोचने का वक़्त आ गया है की बाबा रामदेव पर लाठियाँ चलने के बाद सरकार के सामने रोज नयी मुसीबत क्यु आ रही है ? ..जवाब यही मिलेगा की जनता जागी है ..जो सो रही थी ..बाबा रामदेव जी के आन्दोलन से हमें ये परिणाम मिला है और अभी अन्ना हजारे के आन्दोलन का परिणाम आना बाकि है भाई ..एक बार वो भी परिणाम आ जाने दो फिर देखो ये जागी हुई जनता क्या क्या करती है |"

* " कांग्रेस का हर दाव उल्टा क्यु पड़ रहा है ?"
" ४ जून के पूर्व जैसा कांग्रेस चाहती थी वैसा होता था इस देश में मग़र आज वही कांग्रेस का हर दाव उल्टा पड़ रहा है ...आप देखिये जरा याद कीजिये ...वो विवादस्पद कानून जिसे कांग्रेस लाना चाहती थी मग़र नाकामयाब रही, क्यु हुवा ऐसा जब की वही विपक्ष है जो ४ जून के पूर्व भी था ? मग़र विपक्ष ने भी देखा की जो आग लोगो के दिल में जल रही है वो आग ये कानून के पास होने से उनको भी जला देगी और लोगो ने भी जम कर किया था विरोध ..शायद आप पाठक लोगो ने भी अपनी अपनी तरह से किया होगा विरोध ...."ऍफ़डीआई" का विरोध भी तो नजर अंदाज़ नहीं करना चाहिए जिसे कांग्रेस जबरदस्ती से जनता पर थोपना चाहती थी इस वक़्त भी वही सरकार थी ..वही विपक्ष था और वही जनता थी ...मग़र ४ जून की रात ने सब कुछ बदल दिया और होने लगा कांग्रेस सरकार के एक एक कदम का विरोध ..४ जून के पूर्व यही सरकार अनेको घोटाले करके मजे से जनता को लुट रही थी मग़र आज यही सरकार ..जुन्ज रही है ..ये है बाबा रामदेव जी के आन्दोलन का चमत्कार |"

* " अन्ना के लोकपाल का इंतज़ार है |
"अन्ना हजारे के आन्दोलन का परिणाम आएगा तब आएगा मग़र बाबा रामदेव जी के आन्दोलन का परिणाम तो आ चूका है ...ऐसा नहीं है की मै अन्ना हजारे जी का विरोधी हु ..मग़र मै उस सच्चाई को चाहता हु जो सच है और जो बात देश हित में हो उसका मै स्वागत भी करता हु और इंतज़ार कर रहा हु की अन्ना हजारे जी का आन्दोलन भी सार्थक हो और सफलता उन्हें मीले और देश की जनता को एक अच्छा लोकपाल कानून भी मीले... |

* कौन जानता था ?
" क्या आप ४ जून के पूर्व "आरटीआई " कानून का इस्तेमाल करना जानते थे ?या फिर आपने ४ जून के पूर्व कभी इस कानून का इस्तेमाल किया था ? क्या आप अपनी सरकार के प्रति जितने गंभीर आज है उतने गंभीर ४ जून की पूर्व थे ? कितनो को पता था की स्विस बैंक में पड़ा "कालाधन" कितना है ..मग़र आज देश का छोटा बच्चा भी जनता है की ५६% काला धन हमारे भारत देश का है जो आज विदेश की बैंक में पड़ा है जिस पर हमारा ..हम सब का हक़ है ,देश कौन चला रहा है ये मायने नहीं रखता है मग़र देश किस तरह से चला रहे है ये सोचनेवाली बात है ..चाहे जो भी इस देश पर राज करे मग़र वो साफ़ तो होना ही चाहिए |"

" अन्ना हजारे का आन्दोलन है मजबूत लोकपाल लाने के लिए तो बाबा रामदेव का आन्दोलन है विदेशो में पड़े कालेधन को वापस लाने के लिए ...ये दोनों ही आन्दोलन देखा जाये तो भारतवासियों के हित के लिए ही है और इन आन्दोलन में इन्हें सफलता भी मिलनी ही चाहिए और ये सफलता तब मिल सकती है जब हम सब मिलकर उनका साथ देंगे ..ऐसा साथ देना होगा हमें की सरकार सिर्फ झुके ही नहीं मग़र अपने फैसले पर त्वरित अमल भी करे ..क्यु की आखिर ये सरकार हमारी है और हमारे पैसो से ही चलती है ..इन नेताओं का पैसा तो विदेशो में काले धन के रूप में जो पड़ा है ..ये नेता और ये सरकार को पगार हम ही देते है और मालिक को ये अधिकार भी होता है की नौकर को उसकी गलती पर सवाल पूछे जाये ये फिर नौकरी से निकाला जाये |"

* याद रहे :
" स्विस अधिकारियो ने ये कहा था की बाबा रामदेव के आन्दोलन से उनको नुकसान उठाना पड़ा है और बाबा रामदेव वहां की मिडिया में भी छाए हुवे थे |"

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8 comments:

  1. जैसी करनी वैसी भरनी !

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  2. आप ने सही कहा की ये हमारे ही नौकर हैं और हमारे ऊपर ही रोब झाड़ते हैं अब इनको इनकी असली औकात पता चली है कांग्रेस्सियों ने ऐसे दिन अपनी पूरी जिंदगी में नहीं देखें होंगे पर अब देखने पद रहे हैं ! परम पूज्य स्वामी रामदेव जी एक सच्चे संत और सच्चे देशभक्त भी हैं ! अब सरकार का खत्म निश्चित है और क्या पता जल्द ही हमें राम राज्य की स्थापना देखने को मिल जाये ! वन्देमातरम !

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  3. अब देश का बच्चा बच्चा जागेगा .... कुछ न कुछ तो होना ही है ... बस अब और नहीं ...

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  4. ab sahi dhang se loktantar ayega, ye akela bharat hi nahi poori duniya dekhegi.........

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  5. सही कहा आपने
    उस रात लाठियां आन्दोलन पर नहीं अपितु भारतीयों के मानस पर पडी थीं|
    इन लाठियों ने भारतीयों को सोचने पर मजबूर कर दिया की ये देश कौन चला रहा है? लोकतंत्र है कहाँ?
    बाबा रामदेव का आन्दोलन अवश्य ही सफल होगा|

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  6. सार्थक आलेख ....समय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है

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  7. inn ke papo ka garha bhar raha hai, 100 galiya dene baad hi sisupal ka siir kat jata hai.abb to bas tohdi kami hai app sab dekhte jao

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